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कला समीक्षक,उद्घोषक और 'कला समय' सम्पादक
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असगर वजाहत की शोहरत और मकबूलियत के साथ
बेसाख्ता, बेशुमार और बहुरंगी रचने के बावजूद किसी लेखक की कोई एक कृति उसकी शख्सियत का पर्याय बन जाती है। असगर वजाहत की शोहरत और मकबूलियत ...
रंगमंच की दुनिया की एक नई और ज़रूरी पत्रिका 'रंग संवाद'
Share वनमाली सृजन पीठ,भोपाल की सम्वाद पत्रिका के रूप में 'रंग संवाद' नामक त्रैमासिक पत्रिका ने अपने कुछ अंकों में ही भुत '...
आपका हार्दिक स्वागत है
शेयर ये ब्लॉग अभी निर्माणाधीन है....कृपया फिर पधारें. मुझे ख़ुशी होगी.आपका विनय उपाध्याय
‘‘मैं समर्पण रियाज़ और गुरू पंरपरा के उसी आदर्श की पुनर्प्रतिष्ठा करना चाहता हूं''-ध्रुपद गायक आशीष सांस्कृत्यायन
Share आशीष सांस्कृत्यायन जी दौलत की दुहाई देने वाले अनेक पश्चिमी मुल्कों में आज हिन्दुस्तानी ध्रुपद संगीत बेचैन और बुझे दिलों के...
रंग विमर्श:अस्सी पारते पं. शंकर होम्बल संजोएँ हैं खुद में स्मृतियों की अपार सम्पदा
इच्छाशक्ति के मंत्र का जाप करते हुए इस कलासाधक ने अंततः साबित कर दिया था कि कला के लिए हदों का कोई मायना नहीं है। वह समूचे विश्व में कहीं...
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